Sale Date Ended
मान्यवर,
शायद इसे हम वक्त का तकाज़ा ही कहंेगे कि दिल्ली एनसीआर में रहने वाले प्रवासी पूर्वांचल के लोगो को एकजुट होने की जरुरत है। साथ ही आपस में भाईचारा, आत्मीयता, सम्मान एवं सौहार्दयता बढ़ाने की नितांत आवश्यकता है।
गौरतलब है कि आज दिल्ली में लगभग 80 लाख से ज्यादा पूर्वांचल के प्रवासी है। लेकिन क्या हमें यहाँ अपना हक एवं सम्मान मिलता है? क्या हमें इस हेतु आत्ममंथन करने की जरुरत नहीं है? क्या हम आपस में एकजुट हैं? क्या हम एक दूसरे के सुख-दुख को बांट पाते हैं? क्या हम अपनी मानवीय संवेदना को सही आयाम दे पाते हैं?
क्या पूर्वांचल के प्रवासी लोगों की सुरक्षा एवं यथोचित सम्मान के लिए हमें आगे नहीं आना चाहिए?
इन सारे मुद्दो पर विचार-विमर्श के लिए दिनांक 01.10.2017 को एक गोष्ठी रखी गई है? इस गोष्ठी में हम आपस मे विचार करेंगे कि आगे एक विशाल ‘पूर्वांचल भाषा संगम’ का आयोजन कैसे किया जाय।
तो आइये पूर्वांचल को मजबूत करते हुए देश की तरक्की में अपना सम्पूर्ण सहयोग दें।
पूर्वांचल की प्रमुख्य भाषाएं
1. मैथिली, 2. भोजपुरी, 3. अंगिका, 4. बज्जिका, 5. मगही
विचार विमर्श
1. प्रस्तावित पूर्वांचल भाषा संगम को सफल बनाने की तैयारी।
2. प्रवासीलोगों को अपने मूल से जोड़ना।
3. विशिष्ट व्यक्तियों की पहचान करना एवं प्रोत्साहन व सम्मान देना।
4. प्रवासी लोगांे के विकास हेतु विशेष कार्यक्रम।
5. पूर्वांचल कम्युनिटी डायरेक्टरी प्रकाशित करना।
कार्यक्रम
समय: 4 बजे अपराहन, दिनांक: 1 अक्टूबर 2017, स्थान: नेहरु युवा केन्द्र, एन डी तिवारी भवन, आईटीओ के समीप, दिल्ली-02
आप सादर आमंत्रित हैं।
विनीत
सत्यनारायण प्रसाद साह, सीएमडी, किरण ग्रुप आॅफ कम्पनीज़
9810055346, 9205393699
डा बीरबल झा, चेयरमैन, मिथिलालोक फाउन्डेशन
एमडी, ब्रिटिश लिंग्वा
9810912220